tula lagna ki kundali me shukra mahadasha ka fal kaisa hoga
तुला लग्न में शुक्र महादशा
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| तुला लग्न में शुक्र महादशा |
तुला लग्न में शुक्र अतियोगकरक और लग्नेश होकर
आठवे भाव का भी मालिक है । In Libra ascendant Venus is most benefice
planet but it should be placed in good house to get good results. लग्न
कुंडली ७ अंक से शुरू होती है तो वह जातक तुला लग्न का होता है । तुला
लग्न में अगर शुक्र पहले ही भाव में हो तो मालव्य योग बनाता है । इससे जातक
बहुत अधिक विलासी और धनि होता है । जातक को हर प्रकार के सुख मिलते है ।
जातक के व्यक्तित्व में बहुत अधिक जादा आकर्षण होता
है ।
दूसरे भाव में जातक के स्वअर्जित धन में बढ़ोतरी करता है । परिवार के लिए अच्छा । ससुराल से भी जमती है ।
तिसरे भाव में शुक्र/venus जातक के मेहनत और पराक्रम में बढ़ोतरी करता है ।
चौथे भाव में शुक्र माता के लिए अच्छा । घर, भूमि,वाहन और सुख में बढ़ोतरी करता है । कार्य क्षेत्र केलिए भी अनुकूल माहोल होता है ।
तुला लग्न के पाचवे भाव में शुक्र जातक को बुद्धिमान बनाता है । प्रेम जीवन में सफलता दिलाता है । आय में भी बढ़ोतरी होती है ।
छटे भाव में शुक्र जातक को रोगी बनाता है । जातक को गुप्त रोग हो
सकते है । अगर शनि की भी दृष्टी हो तो जातक नपुंसक हो सकता है ।
स्त्रीयों से दोखा मिलता है ।
सातवे भाव में शुक्र वैवाहिक जीवन केलिए अच्छा होता है । व्यापार में भी सफलता दिलाता है । जीवनसाथी बहुत आकर्षक होता है ।
शुक्र आठवे भाव में अच्छा नहीं होता । इससे बहुत कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है । सेहत कमजोर हो सकती है ।
नवम भाव में शुक्र जातक को बहुत अधिक भाग्यवान बनता है । जातक
धार्मिक होता है और लम्बी यात्राये करता है | मेहनत से जल्दी लाभ मिलता
है ।
दशम भाव में शुक्र जातक को कार्यक्षेत्र में फायदा दिलाता है । जातक कुल में सबसे अधिक यशस्वी होता है ।
तुला लग्न में शुक्र अगर एकादश भाव में हो तो जातक की आय बहुत अधिक होती है । प्रेम संबंधों में यश मिलेगा ।
तुला लग्न के द्वादश या बारहवे भाव में शुक्र जातक केलिए कही
सारे स्वास्थ्य सबंधी तकलीफे उत्पन्न करता है । विदेश यात्रा से हानि
करेगा । जातक का चरित्र बहुत कमजोर होता है ।

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