kundali se vyakti ka character charitra kaise pata kare
कुंडली से इंसान का चरित्र कैसा है यह पता लगाया जा सकता है । इस के लिए कुंडली में शुक्र किस स्तिथि में है यह देखना बहुत महत्त्वपूर्ण है ।
- कुंडली में यदि शुक्र / Venus नीच अथवा मीन राशि में हो तो जातक के बहुत सारे अनैतिक शारीरिक सबंध होते है ।
- शुक्र पर दो या दो से अधिक पाप/ क्रूर ग्रहों की दृष्टी हो तो ऐसा जातक अनेक लोगों से बहुत अधिक कामक्रीड़ा में व्यस्त रहता है । ऐसे जातक को रिश्ते में विश्वास मायने नहीं रखता
- या यु कहे ऐसा जातक कामक्रीड़ा को ही अधिक महत्व देता है ।
- सप्तम भाव का स्वामी यदि नीच अवस्था में हो तो वैवाहिक जीवन में परेशानी होती है । अनैतिक सबंध भी करवाता है ।
- शुक्र पापकतरी या अस्त हो तो भी ऐसे फल मिलते है ।
- सप्तम भाव और द्वादश भाव के स्वामी या नक्षत्रों का आपस में परिवर्तन योग याने के एक दूसरे के भाव में हो तो भी विवाह बाह्य सबंध है ।
- पंचम भाव का स्वामी राहु से युति कर रहा हो तो भी प्रेमी से शारीरिक सबंध होते है ।
- चंद्र मन का कारक ग्रह है । राहु से युति होने से ग्रहण होता है । मन कमजोर होने से भी विवाह बाह्य सबंध होते है ।
- सप्तम भाव का स्वामी द्वादश के साथ हो तो भी जातक वैवाहिक जीवन का महत्त्व नहीं समझता है । जातक बहुत अधिक कमजोर चरित्र का होता है ।
यदि गुरु / Jupiter की शुभ दृष्टी इन योगों पर हो तो जातक पर गलत प्रभावों में कमी हो सकती है।
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