shri mahalaxmi yog kundali me jankari

 

श्री महालक्ष्मि योग

कुंडली मे अगर पंचम भाव का स्वामी ग्रह और नवम भाव का स्वामी ग्रह केंद्र मे युती मे बैठे हो, और उनपर चंद्र, बुध और गुरु कि दृष्टी भी हो तो अति भाग्यकारक महालक्ष्मि योग का  निर्माण होता है |


जिस जातक के कुंडली मे महालक्ष्मि योग होता है , उसे धन कि कभी कमी नही होती | जातक धनवान होता है |


वृश्चिक लग्न के कुंडली मे शनि और चंद्र युती कर रहे हो और उसपर गुरु,चंद्र और गुरु कि भी दृष्टी हो तो विष योग न बनकर श्री महालक्ष्मि योग बनता है |


महालक्ष्मि योग : जब कुंडली मे चंद्र और मंगल युती कर रहे हो तब बनता है | ऐसा जातक अमीर तो होता है पर स्वभाव से अति उग्र और जगदालु भी होता है |

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