kundali me grah kaise kam karate hai

 

कुंडली में ग्रहो के परिणाम

  • सूर्य कुंडली में पिता का और आत्मविश्वास का करक ग्रह माना गया है । सूर्य अगर केतु या राहु से युति कर रहा हो तो जातक में आत्मविश्वास  की कमी पायी जाएगी ।  सूर्य तुला राशि में नीच फल प्रदान करता है परिणाम स्वरुप पिता से मनमुटाव होगा । पिता जिम्मेदारी नहीं निभायेंगे । 
  • कुंडली में चन्द्रमा माता का कारक ग्रह माना गया है । चन्द्रमा वृश्चिक राशि में नीच फल प्रदान करता है । इससे माता के सुख में कमी आ जाती है। 
  • मंगल कुंडली में भाई का कारक माना गया है । कर्क राशि में मंगल नीच फल प्रदान करता है । इससे जातक दुःसाहसी होगा । यदि कुंडली में मंगल नीच हो , तो वह जातक अपने भय और ग़ुस्से पर काबू नहीं कर सकता । इससे हानि हो सकती है । 
  • बुध कुंडली में अपने उम्र से कम आयु की बहन का कारक माना  है । मीन राशि में बुध नीच फल प्रदान करता है । अगर कुंडली में नीच बुध हो तो जातक में समझने की शक्ति और बुद्धि कम होती है ।
  • बृहस्पति कुंडली में गुरुजन और अपने से बड़े लोग जो हमें मार्गदर्शन करते है, उनका कारक माना गया है । इसलिए उनको गुरु भी कहा जाता है । मकर राशि में गुरु नीच फल प्रदान करता है ।  अगर स्त्री की  कुंडली में गुरु नीच हो तो वैवाहिक जीवन में बड़ी कठिनाई होती है । शिक्षा में भी कमी रह जाती है । पुत्र प्राप्ति में भी अडचने आती है । तरक्की नहीं हो पाती। 
  • शुक्र कुंडली में अपने प्रेमी का कारक माना जाता है । शुक्र कन्या राशि में नीच फल प्रदान करता है । अगर पुरुष की कुंडली में शुक्र नीच राशि में हो तो वैवाहिक जीवन ख़राब होता है । उसके अनेक स्त्रियों से शारीरिक संबंद होते है । जीवन में विलासिता नहीं होती ।
  • शनि  कुंडली अपने से काम दर्जे के लोग होते है उनका कारक माना गया है । मेष राशि में शनि नीच फल प्रदान करता है ।
  • राहु धनु और वृश्चिक राशि में नीच फल प्रदान करता है । कुंडली राहु नीच होने से जड़ा बुरा असर होता है । ऐसे जातक को इलेक्ट्रिक वस्तु से संभल कर रहना चाहिए। 
  • केतु वृषभ और मिथुन राशि में नीच फल प्रदान करेगा । इससे व्यक्ति तामसिक वृत्ति का हो सकता है ।

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